Reliance to lead 1 lakh carore Investment in green hydrogen, and Ammonia Units in Kandla
Larsen and Turbo (L&T), Greenco Group, Welspun New Energy के साथ मिलकर Reliance Industries Ltd(RIL), गुजरात के दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी कंडला मे हरित हाइड्रोजन, और हरित अमोनिआ का पलांट लगाएगी। इस खबर के जानकार तीन औद्योगिक यूनिट के एग्जीक्यूटिव के अनुसार,” इस औद्योगिक प्रोजेक्ट के लिए 1 लाख करोड़ का निवेश संयुक्त रूप से किया जायेगा। एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र मे यह कुछ बड़े इन्वेस्टमेंट्स मे से एक होगा।
बंदरगाह प्राधिकरण को अक्टूबर 2023 मे 300 एकड़ के 14 भूमि पार्सल की रुचि की अभिव्यक्ति प्राप्त हुई। प्रत्येक पार्सल को प्रतिवर्ष एक मिलियन टन हरित अमोनिया के लिए निर्धारित किया गया था, पिछले महीने को DPA ने चार कंपनियां को भूखंड आवंटित किए, जैसा की ऊपर उद्धृत लोगों ने कहा।
डीसीए ने कुल मिलाकर लगभग 4000 एकड़ भूमि के साथ 14 भूखंडों की पेशे की, Reliance को 6 भूखंड आवंटित किए गए है, L&T को पांच भूखंड आवंटित किए गए हैं। ग्रीनको ग्रुप को दो और Welspun New Energy को एक प्लांट आवंटित किया गया है इनमें से एक ने कहा इन चारों कंपनी ने नीलामी में सबसे ऊंची बोली लगाई थी।
जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है क्योंकि आम चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू है ऊपर उद्धृत लोगों द्वारा पोस्ट में कहा गया कि औपचारिक घोषणा जून में की जाएगी।
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कांडला बंदरगाह 7 एमटीपीए हरित अमोनिया और 1.4 एमटीपीए हरित हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य बना रहा जो। कच्छ की खाड़ी में स्थित, डीपीए देश के पश्चिमी तट पर प्रमुख बंदरगाहों में से एक है। ग्रीन हाइड्रोजन gh2 नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली का प्रयोग करके पानी को इलेक्ट्रोलाइज करके बनाया जाता है। बिना किसी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के यह हरित हाइड्रोजन को ईंधन बनाने की वैश्विक प्रयास का हिस्सा है जो देशो को उनकी शुद्ध शुन्य उत्सर्जन लक्ष्य में मदद कर सकता है क्योंकि पानी ही इसका एक मात्र उपोत्पाद है। Green Hydrogen के लिए Ammonia सबसे बड़ा उपयोग करता काम है और बड़े पैमाने पर (GH2) के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन बंदरगाह जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के हिस्से के रूप में नामित डीपीए, ओडीशाा में प्रदीप बंदरगाह और तमिलनाडु में चिन्दबारणार बंदरगाह कर विकास हाइड्रोजन हब, जो 2030 तक हाइड्रोजन को संभालने भंडारण करने में सक्षम है। डीपीए पिछले साल रिन्यू इफ्यूल्स, स्टेटक्राफ्ट इंडिया, वेल्सपन न्यू एनर्जी, सेमबकॉर्प ग्रीन हाइड्रोजन इंडिया, टोरेंट पावर लिमिटेड, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और ग्रीनको ग्रुप सहित ऊर्जा कंपनियां के साथ 13 ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए थे।
Reliance, Greenco, welspun और DPA ने प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया, और L&T ने टिप्पणी से इनकार कर दिया।
Port And Shipping Ministry Plans For Green Ports
बंदरगाह और शिपिंग मंत्रालय ने हरित शिपिंग के लिए एक राष्ट्रीय कार्य योजना भी तैयार की है, इसमें बंदरगाहों पर वाहन उत्सर्जन को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा (सौर, पवन) और स्वच्छ ईंधन (विद्युत तरलीकृत प्राकृतिक गैस, संपीड़ित प्राकृतिक गैस) का बढ़ता उपयोग शामिल है। बंदरगाहों पर भविष्य में उपयोग के लिए ईंधन के रूप में अमोनिया को हाइड्रोजन में शामिल करने का भी लक्ष्य है
भारत के राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की परिकल्पना देश को हरित हाइड्रोजन उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए एक वैश्विक केंद्र बनेने की है ताकि इसके खरबों डॉलर्स के ऊर्जा आयतत को कम किया जा सके और कठिन क्षेत्र को डेकार्बनाइज करने में मदद मिल सके। मिशन का लक्ष्य 2030 तक 5 एमटीपीए की हरित हाइड्रोजन उत्पादन क्षमता है जिसमें ₹8 लाख करोड़ से अधिक के निवेश पर 125 गीगावॉट अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा क्षमता और जीवाश्म ईंधन आयात में ₹1 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कमी शामिल है। इससे लगभग 50 मिलियन टन वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने मे मदद मिलेगी।